वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग, फ्री हर्ट्स शिविर
१२ मार्च २०१८
ऋषिकेश, उत्तराखंड
प्रसंग:
हमें परिणाम की चिंता क्यों होती है?
हम अपने ढर्रों को क्यों नहीं छोड़ पाते?
क्या ढर्रों पर चलना ज़रूरी होता है?
अगर हम अपने ढर्रों को तोड़ते हैं तो उसका क्या परिणाम होगा?
परिणाम की चिंता कैसे जाए?